विजय वर्तमान चंदैनी-गोंदा को प्रत्यक्षतः देखने, जानने, समझने और समझा सकने वाले लोग अब गिनती के रह गए हैं। किसी भी विराट कृति में बताने को बहुत कुछ होता है । अब हमीं कुछ लोग हैं जो थोड़ा-बहुत बता सकते हैं । यह लेख उसी ज़िम्मेदारी के तहत उपजा है...... 07 नवम्बर 1971 को बघेरा में चंदैनी-गोंदा का प्रथम प्रदर्शन हुआ। उसके बाद से आजपर्यंत छ. ग. ( तत्कालीन अविभाजित म. प्र. ) के लगभग सभी समादृत विद्वानों, साहित्यकारों, पत्रकारों, समीक्षकों, रंगकर्मियों, समाजसेवियों, स्वप्नदर्शियों, सुधी राजनेताओं आदि-आदि सभी ने चंदैनी-गोंदा के विराट स्वरूप, क्रांतिकारी लक्ष्य, अखण्ड मनभावन लोकरंजन के साथ लोकजागरण और लोकशिक्षण का उद्देश्यपूर्ण मिशन, विस्मयकारी कल्पना और उसका सफल मंचीय प्रयोग आदि-आदि पर बदस्तूर लिखा। किसी ने कम लिखा, किसी ने ज़्यादा लिखा, किसी ने ख़ूब ज़्यादा लिखा, किसी ने बार-बार लिखा। तब के स्वनामधन्य वरिष्ठतम साहित्यकारों से लेकर अब के विनोद साव तक सैकड़ों साहित्यकारों की कलम बेहद संलग्नता के साथ चली है। आज भी लिखा जाना जारी है। कुछ ग़ैर-छत्तीसगढ़ी लेखक जैसे परितोष चक्रवर्ती, डॉ हनुमंत नायडू जैसों
दीपाक्षर साहित्य समिति दुर्ग भिलाई के तत्वाधान में प्रतिवर्ष आयोजित होने वाला दीपाक्षर सम्मान समारोह इस वर्ष बिलासपुर में ९ जून को संपन्न होगा। छत्तीसगढ के सैकडो साहित्यकार इसमें शिरकत करेंगे।
कार्यक्रम दो सत्रों में होगा। प्रथम सत्र उदघाटन एवं सम्मान का होगा जिसमें छत्तीसगढ के सतत सृजन धर्मी दो साहित्यकारों को दीपाक्षर सम्मान २००७ से सम्मानित किया जावेगा। सम्मान के लिए चयनित साहित्यकार शिव शंकर पटनायक चर्चित उपन्यासकार, पिथौरा, जिला चांपा जांजगीर तथा डॉ संतरात साहू चर्चित साहित्यकार, भाठापारा, जिला रायपुर है।
द्वितीय सत्र में साहित्यिक परिचर्चा होगी जिसमें छत्तीसगढी साहित्य लेखक और पाठक का अन्तर्सम्बन्ध विषय पर साहित्यकार अपने विचार रखेगे। इसी सत्र में पुष्कर सिंह राजा ग्राम झलमला (बालोद) की दो किताब, प्रयास प्रकाशन बिलासपुर द्वारा प्रकाशित कृतियों क्रमशः पहला मेरे देश के दीमक हिन्दी काव्य संकलन एवं दूसरा हमर सुनइया कौन हे (छत्तीसगढी) काव्य संकलन का विमोचन किया जावेगा।
प्रसिद्ध विद्वान एवं भाषाविद् डा विनय कुमार पाठक संरक्षक दीपाक्षर साहित्य समिति, दुर्ग भिलाई के निर्देशन में आयोजित होने वाले दीपाक्षर सम्मान समारोह के समस्त कार्यक्रमों का संचालन समिति के अध्यक्ष दादूलाल जोशी फरहद करेंगे।
शिव शंकर पटनायक जी, डॉ संतरात साहू जी व पुष्कर सिंह राज जी की कृतियो के संबंध मे भी पूरी जानकारी हम शीघ्र ही आपके सामने प्रस्तुत करेंगे ।
मै इस कार्यक्रम मे अपनी निजी व्यस्तता के कारण उपस्थित नही हो पाउंगा यदि मेरे कोइ छत्तीसगढिया भाइ इस अवसर पर उपस्थित हो रहे होंगे तो हमे विवरण देने की कृपा करेंगे ।
कार्यक्रम दो सत्रों में होगा। प्रथम सत्र उदघाटन एवं सम्मान का होगा जिसमें छत्तीसगढ के सतत सृजन धर्मी दो साहित्यकारों को दीपाक्षर सम्मान २००७ से सम्मानित किया जावेगा। सम्मान के लिए चयनित साहित्यकार शिव शंकर पटनायक चर्चित उपन्यासकार, पिथौरा, जिला चांपा जांजगीर तथा डॉ संतरात साहू चर्चित साहित्यकार, भाठापारा, जिला रायपुर है।
द्वितीय सत्र में साहित्यिक परिचर्चा होगी जिसमें छत्तीसगढी साहित्य लेखक और पाठक का अन्तर्सम्बन्ध विषय पर साहित्यकार अपने विचार रखेगे। इसी सत्र में पुष्कर सिंह राजा ग्राम झलमला (बालोद) की दो किताब, प्रयास प्रकाशन बिलासपुर द्वारा प्रकाशित कृतियों क्रमशः पहला मेरे देश के दीमक हिन्दी काव्य संकलन एवं दूसरा हमर सुनइया कौन हे (छत्तीसगढी) काव्य संकलन का विमोचन किया जावेगा।
प्रसिद्ध विद्वान एवं भाषाविद् डा विनय कुमार पाठक संरक्षक दीपाक्षर साहित्य समिति, दुर्ग भिलाई के निर्देशन में आयोजित होने वाले दीपाक्षर सम्मान समारोह के समस्त कार्यक्रमों का संचालन समिति के अध्यक्ष दादूलाल जोशी फरहद करेंगे।
शिव शंकर पटनायक जी, डॉ संतरात साहू जी व पुष्कर सिंह राज जी की कृतियो के संबंध मे भी पूरी जानकारी हम शीघ्र ही आपके सामने प्रस्तुत करेंगे ।
मै इस कार्यक्रम मे अपनी निजी व्यस्तता के कारण उपस्थित नही हो पाउंगा यदि मेरे कोइ छत्तीसगढिया भाइ इस अवसर पर उपस्थित हो रहे होंगे तो हमे विवरण देने की कृपा करेंगे ।
सूचना देने के लिए आपका धन्यवाद
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